सिंघाना - राठौड़ (तेली )समाज सिंघाना द्वारा मृत्यु भोज प्रथा बंद करने के ठोस निर्णय अनुसार आज गांव में कार्यक्रम हुआ, जिसमें गांव के समाजजन व दूसरे समाज के व्यक्ति पगड़ी रस्म में भोजन नहीं करेंगे केवल घर परिवार के व्यक्ति एवं बाहर से पधारे मेहमानों के लिए सादा भोजन ही बनाया गया। उक्त निर्णय को ध्यान में रखते हुए बुधवार को ग्राम सिंघाना में स्व. श्री लच्छीराम जी राठौड़ के सुपुत्र श्री धर्मेन्द्र एवं श्री जितेन्द्र राठौड व परिवारजनों के द्वारा पगड़ी रस्म में मृत्यु भोज प्रथा को बंद कर श्रेष्ठ आदर्श प्रस्तुत किया गया जो सभी समाजों के लिए एक सराहनीय पहल है व प्रेरणादायी संदेश देने वाला है। यह राठौड़ (तेली) परिवार धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है साथ ही बड़े व्यापार-व्यवसाय में भी जुड़ा है लेकिन इस प्रथा को बंद कर अन्य समाज को भी एक नई प्रेरणा एक नई दिशा दी है जो हम सबके लिए प्रेरणादाई है।